यूपी: फर्जी डॉक्यूमेंट देकर बने टीचरों की जाएगी नौकरी, सैलरी भी वसूली जाएगी

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यूपी: फर्जी डॉक्यूमेंट देकर बने टीचरों की जाएगी नौकरी, सैलरी भी वसूली जाएगी

                      सांकेतिक फोटो उपभोक्ता खबर

परिषदीय स्कूलों में फेक डॉक्यूमेंट वाले 382 शिक्षक मिले हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले देवरिया, मथुरा और सिद्धार्थनगर के हैं. भर्ती 2006 से 2016 के बीच में हुई थी.

करीब 400 सरकारी टीचरों की नौकरी खतरे में

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग 400 ऐसे टीचरों की पहचान हुई है जिन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की (UP Govt Teachers). सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है. खबर है कि ऐसे सभी टीचरों को पहले नौकरी से निकाला जाएगा और फिर उनसे अब तक दी गई सारी तनख्वाह भी वसूली जाएगी.

खबर है कि UP के बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में फेक डॉक्यूमेंट वाले 382 शिक्षक मिले हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले देवरिया, मथुरा और फिर सिद्धार्थनगर के हैं. इन टीचरों की भर्ती 2006 से 2016 के बीच में हुई थी. आरोप लगे कि ये कई सालों से फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र के दम पर नौकरी कर रहे थे. जांच हुई तो आरोप सही साबित हुए. जानकारी है कि देवरिया से पहले ही 85 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है.

बता दें, 2020 में शिक्षा विभाग में भर्ती को लेकर हुए विवाद के बाद राज्य प्रशासन ने घोटाले की जांच STF से कराने के आदेश दिए थे. पता चला था कि तीन सालों में उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के जरिए भर्ती हुए टीचरों की संख्या लगभग 2500 है. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर नौकरी से निकाल दिया गया. तब से ही फर्जी दस्तावेज वाले टीचरों पर कार्रवाई चल रही है.

 

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