रवि योग और प्रीति योग बना रहा है राधा अष्टमी को विशेष, जानें मुहूर्त, योग और महत्व÷राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य
रवि योग और प्रीति योग बना रहा है राधा अष्टमी को विशेष, जानें मुहूर्त, योग और महत्व÷राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य
इस वर्ष राधा अष्टमी 11 सितंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस साल राधा अष्टमी के दिन रवि योग बन रहा है। इस विशेष मौके पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा करने का विधान है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार राधा रानी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बरसाने में हुआ था। इस वर्ष राधा अष्टमी 11 सितंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस साल राधा अष्टमी के दिन रवि योग बन रहा है। आइए जाने आचार्य राजेश कुमार शर्मा से राधा अष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में।
राधा अष्टमी तिथि
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ: 10 सितंबर, मंगलवार, रात्रि 11: 11 मिनट से
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त: 11 सितंबर, बुधवार, रात्रि 11:46 मिनट पर
उदयातिथि के आधार पर राधा अष्टमी का पावन पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा।
राधा अष्टमी 2024 मुहूर्त
राधा अष्टमी के दिन लाडली जी की पूजा का समय: दिन में 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक राधा अष्टमी की पूजा कर सकते हैं।
पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 29 मिनट रहेगी।
राधा अष्टमी पर ज्येष्ठा नक्षत्र: प्रातःकाल से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से मूल नक्षत्र प्रारंभ है। उस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04:32 से 05:18 तक है। राधा अष्टमी के दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
2 शुभ योग में राधा अष्टमी
इस साल राधा अष्टमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं। राधा अष्टमी पर प्रीति योग सुबह से लेकर रात 11:55 मिनट तक बन रहा है। उसके बाद से आयुष्मान योग बनेगा। राधा अष्टमी की पूजा प्रीति योग में होगी।
वहीं रवि योग का निर्माण रात में 09:22 मिनट पर होगा और अगले दिन 12 सितंबर को सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।
राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य
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