वो कौन सा भय है जो वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे
काशीपुर। कुछ तो मजबूरी रही होगी, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता। मशहूर शायर बशीर बद्र द्वारा लिखे गए इस शेर को याद करते हुए कांग्रेस मेयर प्रत्याशी एडवोकेट संदीप सहगल ने अचानक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे निष्ठावान कांग्रेस जनों से कहा है कि मुझे ही नहीं प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता और आम जनता को ये पता है कि किसी न किसी दबाव में आकर कांग्रेस को अलविदा कहा जा रहा है। पार्टी के प्रति बेहद निष्ठावान वरिष्ठ नेत्री, जो कल तक भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रही थीं, एकाएक पार्टी छोड़कर विरोधी पार्टी का दामन थाम लें तो सवाल उठना स्वाभाविक हैं। संदीप सहगल ने स्पष्ट कहा कि उन्हें मालूम है कि इस चुनाव में कांग्रेस की लोकप्रियता से भयभीत भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रही है, इसमें से एक हथकंडा कांग्रेसी नेताओं को दबाव में लेकर अपनी पार्टी में शामिल कराना भी है। उन्होंने कहा कि तमाम कार्यकर्ताओं को दबाव में लेते हुए भाजपा में शामिल कराकर भारी समर्थन दर्शाने वाली भाजपा ये समझ ले कि मुझे ये चुनाव जनता लड़ा रही है। कांग्रेस में शामिल होने वालों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए संदीप सहगल ने कहा कि वे उनसे बेहद लगाव रखते हैं। ध्यान रहे कि यह चुनाव असत्य पर सत्य की विजय का चुनाव है। भाजपा कितना भी जोर लगाये, इस चुनाव में उसे पराजय का मुंह देखना ही होगा।