कांटों की टक्कर के मुकाम पर नगर पालिका का चुनाव शालिनी कनौजिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष का कार्यकाल बीजेपी प्रत्याशी को पहुंचा सकता है नुकसान

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कांटों की टक्कर के मुकाम पर नगर पालिका का चुनाव शालिनी कनौजिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष का कार्यकाल बीजेपी प्रत्याशी को पहुंचा सकता है नुकसान

 

आखिर वोंट दिलाने के ठेकेदारों क सहारे इस बार कैसे पार होगी नगर पालिका में बीजेपी की नैया

 

ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला

 

रायबरेली। सबका साथ सबका विकास की बातें करने वाली भाजपा पार्टी ने निकाय चुनाव में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली नगर पालिका अध्यक्ष के लिए शालिनी कनौजिया पर दांव खेला है। किंतु नगर पालिका की अध्यक्ष रही पूर्णिमा श्रीवास्तव की लचर व भ्रष्टाचारी कार्यशैली कहीं न कहीं बीजेपी की नगर पालिका अध्यक्ष की प्रत्याशी शालिनी कनौजिया के लिए गले की फांस बनती नजर आ रही है निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष के दागों को शालिनी कनौजिया का मिटा पाना मील का पत्थर साबित होता नजर आ रहा है हम आपको बताते हैं की आखिर शालिनी कनौजिया कौन है?, बताते चलें की शालिनी कनौजिया डॉ बीरबल की पत्नी है जो जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर हैं। डॉ बीरबल के ऊपर पूर्व से ही प्राइवेट प्रैक्टिस व कोरोना काल में मरीजों से अधिक जैसे कई फीस वसूलने जैसे कई भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के गम्भीर आरोप लगता रहा बताते चलें की डाक्टर बीरबल तनख्वाह तो सरकारी लेते हैं लेकिन सेवाएं अपने निजी नर्सिंग होम में देते है यही नहीं 600 रु फीस लेकर गरीबों की जेब पर डाका भी डालते हैं। यदि नगर पालिका क्षेत्र के जानकारों की मानें तो नाम ना छापने की शर्त पर लोगों ने बताया की जिस शालिनी कनौजिया को भाजपा समाजसेवी के रूप में पेश कर रही है उन शालनी कनौजिया का जनपद के किसी भी सामाजिक कार्य से कोई भी सरोकार कभी नहीं रहा है। जिस कोरोना काल में जनपद की जनता त्राहिमाम बोल रही थी उस समय आपदा में अवसर ढूंढ रहे डॉ बीरबल जमकर लूट मचाई थी। उस समय भी समाजसेवी शालिनी कन्नौजिया दूर-दूर तक कहीं नहीं थी। अब अगर बात विकास की कर ले तो पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष भी भाजपा का ही था, जिसे जिताने के लिए भाजपा सदर विधायक अदिति सिंह ने पूरा दमखम के साथ प्रचार प्रसार किया था और जीत भी दिलाया था। जिस शालनी कनौजिया को लेकर बीजेपी अपना पूरा दमखम लगा रही है, जिसके प्रचार प्रसार के लिए एक राज्य मंत्री एक प्रभारी मंत्री लगातार जनता के बीच जा रहे हैं और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं यही नहीं शालिनी कनौजिया को जिताने के लिए खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को भी आना पड़ा और शालिनी कनौजिया के लिए जनता से वोटों की अपील करनी पड़ी। उस शालनी कनौजिया को लेकर जनता क्या सोचती है यह भी बताते है आपको शहरवासियों के लिए शालनी कनौजिया एक नई प्रत्याशी हैं जिसे वह जानती भी नहीं विकास के मुद्दे पर शहरवासी कहते हैं पिछले 5 साल का कार्यकाल भुलाया नहीं जा रहा है पहले भी नया चेहरा था और स्वर्गीय विधायक अखिलेश सिंह का विश्वास था लेकिन विधायक के देहांत के बाद सब अस्त-व्यस्त हो गया और नगर पालिका नगर नर्क पालिका मे बदल गई। जिन वादों और विश्वास की बात आज भाजपा कर रही है वह कैसे भूल गई कि पूर्व का नगर पालिका अध्यक्ष भी इन्हीं की पार्टी भाजपा से ही था,तो विकास की परिभाषा पिछले 5 सालों से पूर्णिमा श्रीवास्तव ने हमें बता दिया है।रायबरेली की जनता समझदार है इस बार कोई उसे मूर्ख नहीं बना सकता बहुत सोच विचार कर इस बार नगर पालिका अध्यक्ष चुनेंगे। भाजपा की प्रत्याशी शालिनी कनौजिया कभी हमारे बीच नहीं आई क्या है हमारा दुख दर्द नहीं जाना शहर की जनता किस तरह की समस्याओं से जूझ रही है नहीं पूछा तो झूठे वादे और प्रचार-प्रसार से मन बन सकता है पर शहरवासियों के दिल में घर नहीं बन सकता। इस बार रायबरेली शहरवासी आंखें खोलकर वोट करेंगे

और जो शहर का विकास करेगा उसे नगर पालिका अध्यक्ष बनाएंगे। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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